कर्नाटक: के मोहम्मद सईद एक दशक से अधिक समय से भी हिंदू धर्म के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ श्रीमद्भागवत की 3000 पुस्तकें संग्रहित कर एक भव्य पुस्तकालय चलाते हैं पुस्तकालय मंदिर होता है जहां व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है और अच्छे पुस्तकालय में दुनियां भर की किताबे होती है। जिससे हमें जीवन जीने की कला का ज्ञान होतो है। पर जब कर्नाटक के सईद आईसेक ने अपने मुफ्त जन पुस्तकालय में 3000 श्रीमद भगवद गीता रखीं तब समुदाय विशेष के शरारती तत्वों को वो रास नही आई और उन्होंने सुनियोजित तरीके से पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया
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| प्रतीकात्मक चित्र ~ Google.com |
मुफ्त पढ़ने को दी जा रही थी पुस्तकें
62 साल के सईद आयसेक पिछले 10 साल से अपना मुफ्त पुस्तकालय चला रहे है अपनी मुफ्त पुस्तकों की सुविधा सईद मैसूरु के शांति नगर एवं राजीव नगर में पँहुचाते आये है परन्तु जब समुदाय विशेष के शरारती तत्वों को इस बारे में मालूम चला तब उन्होंने योजना बनाकर के पुस्तकालय को जलाने का फैसला कर लिया
सईद जिनका घर पुस्तकालय के बेहद नज़दीक है उन्हें किसी ने सुबह के 4 बजे यह सूचित किया की उनके पुस्तकालय में आग लग चुकी है। परन्तु जब तक सईद पुस्तकालय पहुंचे तब तक सब कुछ राख हो चुका था अधिकतर पुस्तकें जल चुकी थी
कट्टरपंथीयो की हरकतें पहले भी आ चुकी हैं सामने
यह समाज के लिए दुर्भाग्य ही है कि सईद की 10 साल की मेहनत सिर्फ इस कारण जल के खाक हो गयी क्योंकि उन्होंने श्रीमद भगवद गीता की 3000 कॉपी अपने पुस्तकालय में रखी थी और इस्लामिक कट्टर पंथ को ठेस पहुँचाती थी, सईद का कहना है कि उन्होंने ज़्यादा पढाई नहीं की थी और न पढ़ने के लिए मुफ्त में उन्हें पुस्तक मिली थी सिर्फ यह ही कारण था कि वे दूसरो को मुफ्त पुस्तकालय के माध्यम से ज़्यादा लोगो को शिक्षित कर रहे थें। पुलिस के हाथ भी अभी तक आरोपियो को पकड़ने में कोई सफलता नहीं मिली है जांच जारी है
कोई व्यक्ति समाज में परिवर्तन लाने के लिए पहल करता है और शिक्षा के लिए सारी पुस्तकों की व्यवस्था करते है तो विशेष समुदाय के शरारती तत्त्व कोई न कोई बहाना ढूंढ कर उन्हें पीछे धकेलना चाहते है यह मामला यह पहला नही है कि विशेष समुदाय के लोगो के अंदर धर्म के नाम पर कितनी नफरत भरी हुई है ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आती रहीं हैं

