अयोध्या: पुलिस ने इस्लामिक धर्मांतरण और देह व्यापार के गैंग को बचाने के लिए कई आरोपियों के निकाले नाम
मामला जनपद के कोतवाली नगर क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी ने गैंगरेप के बाद जबरन धर्मांतरण कराने के प्रयास का दो लोगों पर आरोप लगाया है. महिला पुलिस ने पीड़िता और उसके पिता की तहरीर पर दो आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप, धर्मांतरण का प्रयास और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. महिला पुलिस को दी तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि आरोपी लव जिहाद के जरिए हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर बेचने के काम से जुड़े हैं, मुख्य आरोपी खालिद अंसारी शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं, उसने उनकी 16 वर्षीय बेटी के साथ अपने दोस्त के साथ मिल कर गैंगरेप किया, इसके बाद वो उसे अलग-अलग मजारों और मस्जिदों में ले गया जहां उसका धर्मांतरण कराने के बाद उसका निकाह कराने का प्रयास कर रहा था साथ ही उसके धर्म के खिलाफ अनर्गल आरोप और अभ्रद टिप्पणी भी करता था और मुगलो को सर्वोच्च और इस्लाम को सबसे अच्छा कौम बताता था ,पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी शहर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज झुनवाला की छात्रा है, पढ़ाई के दौरान उसकी एक अन्य छात्रा के साथ दोस्ती हुई
उसके ही जरिये आरोपी शिवम यादव से उनकी बेटी की जान-पहचान हुई, आरोपी शिवम यादव ने अपने साथी खालिद अंसारी से उनकी बेटी की जान-पहचान करवा दी, जिसके बाद बहला-फुसलाकर खालिद अंसारी और शिवम ने लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, गैंगरेप के बाद आरोपी खालिद अंसारी पीड़िता के साथ निकाह करने का नाटक करने लगा, वो उसका धर्मांतरण कराने के नाम पर उसे कई मजारों और मस्जिदों में ले गया, यहां पर मौलाना ने उसे इस्लामिक जम जम का पानी पिला कर उसके पवित्र होने की बात कही और निकाह करने की सलाह दी, दर्ज एफआईआर के मुताबिक बीते 13 जुलाई को पीड़िता के परिजन उसकी सहेली के घर से उसे बदहवास हालत में लेकर आये. घर आने के बाद पीड़िता ने बताया कि आरोपी खालिद अंसारी ने उसका मोबाइल छीन लिया था जिसके कारण वो अपने घरवालों से संपर्क नहीं कर पाई. पीड़िता की आपबीती सुनने के बाद उसके पिता की तहरीर पर गैंगरेप, धर्मांतरण का प्रयास और पॉक्सो एक्ट सहित कई अन्य धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं, पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है आरोप यह भी है पुलिस पर इस्लामिक संगठनो और इस गैंग के माफ़ियाओं का दबाव है पीड़ित के पिता ने लड़की की बरामदगी के बाद जो प्रार्थना पत्र क्षेत्राधिकारी नगर को दिया था उसमे पीड़िता के कथानुसार कई लोगों के नाम थे लेकिन पुलिस ने कुछ देर बाद कहा कि सबके नाम नही लिखे जायेंगे एफआईआर मे और दूसरा प्रार्थना पत्र देने का दवाव बनाया और दूसरे प्रार्थना पत्र मे लव जिहाद धर्मांतरण, देह व्यापार,मानव तस्करी के पूरे गैंग के सदस्यों के नाम हटाकर सिर्फ़ दो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की ताकि मामले को कमजोर बनाया जा सके और इसे प्रेम प्रसंग की तरह पेश कर आरोपियों को न्यायालय से सहूलियत मिल सके, पीड़िता का मोबाइल भी खालिद अंसारी और उसके गिरोह ने छीन लिया था लेकिन पुलिस ने कहा कि लिखो कि मोबाइल तोड़कर फ़ेक दिया गया है ,इससे भी आरोपियों को भी फायदा मिलने वाला है पुलिस को मोबाइल को ढूढ़ना नही पड़ता और मोबाइल मे मौजूद साक्ष्य के आभाव का सीधा फायदा भी धर्मांतरण माफिया को मिलेगा , अयोध्या पुलिस के इस तरह के कृत्य से समाज मे असंतोष होना लाजमी है लेकिन सवाल ये भी कि जनपद के राज नेता और जन प्रतिनिधि क्या कर रहे हैं? क्या उनकी जिम्मेदारी नही है कि महिलाओ के खिलाफ चल रहे आपराधिक कृत्य और पुलिसिया मनमानी के खिलाफ आवाज उठाये

