अयोध्या : मामला जनपद के सबसे भ्रष्टाचार पोषित संस्था शिक्षा विभाग से जुड़ा है पीड़ित शिकायतकर्ता कर्ता ने हमारे व्युरो को बताया कि श्री नारायण संस्कृत महाविद्यालय नाम से शिक्षण संस्थान ने महाविद्यालय तो लिख दिया लेकिन माध्यमिक शिक्षण संस्थान की मान्यता ही उनके पास मौजूद है ऐसे कई गैर मान्यता प्राप्त संस्थान सरकारी राजस्व को चूना लगाने व अनुदान प्राप्त करने के लिए अवैध तरीके से पद सृजन और भर्तियां कर सरकारी धन की लूट कर रहे हैं इन फ़र्जी पदों के लिए 10 से 20 लाख रुपये रिश्वत भी ली जाती है ये सारा खेल शिक्षा माफिया जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश आर्या की शह पर कर रहे हैं ये वही राजेश आर्या हैं
जो ख़ुद को ईमानदार दिखाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते है आरोपों के अनुसार हर अवैध नियुक्ति और सरकारी राजस्व की लूट में इन्हे 2 से 5 लाख मिलते है जिससे राजेश आर्या की संपत्ति मे अकूत बढ़ोत्तरी हुई है शिकायतकर्ता ने बताया कि श्री नारायण संस्कृत महाविद्यालय जिसकी मान्यता सिर्फ़ माध्यमिक शिक्षण संस्थान की है संस्थान ने अवैध तरीके से नये पद सृजित करते हुए सार्वजनिक विज्ञापन दिया कि संस्थान को शिक्षकों की आवश्यकता है जिस पर कई आवेदको ने आवेदन किया जिसमें शिकायतकर्ता भी शामिल है उसे इंटरव्यू की तारीख बताई गई और 10 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई, लेकिन उसके पहले ही उसे सूचना दी गई 5 जून को नियत इंटरव्यू की तारीख अब आगे बढ़ा दी गई है लेकिन जब पीड़ित अगले बताई तारीख पर इंटरव्यू के लिए पहुँचा तो उसे बताया गया कि तुम्हें पहले ही बताया गया था कि 10 लाख दो तब नौकरी मिलेगी, जिसने दिया उन सबका 5 तारीख को इंटरव्यू हो गया उनको नौकरी दे दी गई है हमको भी उपर तक पैसा देना होता है ये सब ऐसा नही चलता है अब दोबारा यहाँ मत दिखना, पीड़ित शिकायतकर्ता ने सभी तथ्यों के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश आर्या से शिकायत की लेकिन भ्रष्ट नौकरशाह ने कहा मामले को दबा दो पैसे नही दोगे तो नौकरी कैसे मिलेगी, कुछ कर नही पाओगे सिस्टम ऐसे ही चलता है शिकायतकर्ता ने जब इन बातों का विरोध तो भड़के राजेश आर्या ने कहा जो उखाड़ना है उखाड़ लो, तुम जैसे बहुत आते हैं कहा जाओगे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट लड़ते लड़ते मर जाओगे, हम वर्षों से ऐसे ही काम करते है, न जाने कितने आये और गए, पीड़ित मे जन सूचना अधिकार अधिनियम के जरिये जानकारी भी मांगी लेकिन उसे सूचनाएं उपलब्ध नही कराई गई है पीड़ित ने कहा अब वह इस सुनियोजित भ्रष्टाचार और जालसाजी को उजागर करने और नौकरशाहों के चेहरे बेनकाब करने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय मे सभी साक्ष्यों के साथ शिकायत करेगा साथ ही आवश्यकता पढ़ने पर कार्यालय के सामने आमरण अनशन करेगा और जिले व प्रदेश के मीडिया सस्थानो से इस खेल को उजागर करने की मांग करेगा




