मजिस्ट्रेट ने रद्द की 164 BNSS की कार्यवाही, जालसाज दिनेश कुमार ने रची थी साजिश

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अयोध्या :मामला जनपद के नाई मंदिर धाम क्षेत्र से जुड़ा है जहाँ महंत गुरुचरन दास के खिलाफ रेजीडेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या ने वाद संख्या : 1912/2025 गुरुचरन दास आदि बनाम दिनेश आदि मे 164 BNSS की कार्यवाही रद्द कर दी है मंदिर को लेकर कई वर्षों से विवाद रहा है जिसके लिए एडीजे अष्टम के यहाँ वाद लंबित है पूर्व मंहत स्वर्गीय राम किशुन दास ने 15 अगस्त 2000 को एक वसीयतनामा अपने चेले गुरुचरन दास के पक्ष मे कर दिया था जिसके पूर्व ही वर्ष 1985 से ही अपने गुरु के आदेश पर मंदिर की देख रेख व  मंहत स्वर्गीय राम किशुन दास के बाद महंत गुरुचरन दास ही मंदिर की देखभाल और भगवान की पूजा पाठ व सेवा करते रहे लेकिन विपक्षी दिनेश कुमार श्रीवास्तव जो कि पोंजी कंपनी आसामा फाइनेंस मे सहयोगी रहा है







 और जालसाजी और कूट रचना मे माहिर है ने मंदिर पर कब्जा करने की नियत से कई बार मंदिर पर अपने सहयोगियों की मदद से हमला किया, महंत के अनुसार दबंग दिनेश कुमार के गुर्गो ने महंत के ना रहने पर मंदिर मे लूट भी की थी और सारा सामान और भगवान के गहने बक्शो मे भरकर ई रिक्शो के माध्यम से उठवा ले गए थे लेकिन पुलिस ने मामले मे लीपापोती का प्रयास किया था, मंदिर हमेशा से नाई समाज का पंचायती मंदिर रहा है उनमें महंत भी नाई समाज का ही होने का वर्षों पुराना नियम है जबकि विपक्षी दिनेश कुमार श्रीवास्तव नाई समाज से जुड़ा व्यक्ति भी नही है महंत ने मामले मे न्यायालय के फैसले पर खुशी जताई है उन्होंने न्यायिक फैसले को न्याय की जीत बताया है मामले मे महंत के सहयोगी संदीप व उत्तम शर्मा पैरोकार रहे और वरिष्ठ अधिवक्ता रामनाथ शर्मा ( एडवोकेट) व रमाकांत शर्मा ( एडवोकेट) ने मामले कि पैरवी की



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