Ayodhya : मामला जनपद के आचार्य नगर, जनौरा से जुड़ा है जहाँ एक विधवा बुजुर्ग को दबंगो और तहसील के भ्रष्ट अधिकारियों ने इतना प्रताड़ित कर दिया है कि वह भारी तनाव मे आ गई है पीड़िता श्रीमती पाल पत्नी स्व० रामकुमार ने हमारे व्युरो को बताया कि उन्होंने बैनामा लेकर जमीन खरीदी और मकान बनवाया मकान के सामने 12 फीट चौड़ा रास्ता है जिस पर क्षेत्रीय दबंग कल्लू पहलवान, गंगा राम, नरेंद्र लगातार अतिक्रमण कर रहे है पीड़िता जब अपना चबूतरा बनवाने की कोशिश करती है तो गालियां देते हुए मारने दौड़ते है दबंगों 2001 से अभी तक उसका चबूतरा नही बनने दिया जबकि सार्वजनिक सड़क पर लगातार अतिक्रमण कर रहे हैं पीड़िता ने डीएम ,एसएसपी, एसडीएम अयोध्या सहित मुख्यमंत्री योगी के जनता तक मे शिकायत की लेकिन तहसीलदार और पुलिस ने फ़र्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को जबरन निस्तारित कर दिया, मुख्य सचिव ने जब SDM सदर से रिपोर्ट मांगी तो नायाब तहसीलदार और रंगबाज लेखपाल झुझला गए, आरोप है
कि उन्होंने पीड़िता से कहा कि हम तुम्हारे नौकर नही है जो सही लगेगा करेंगे, लेकिन सही कुछ नही और अवैध अतिक्रमणकारियों पर न बेदखली का वाद दाख़िल किया और कोई निर्देश दिया इससे स्पष्ट है कि लोक संपत्ति अधिनियम सिर्फ तहसील अधिकारियों का हथियार बन चुका है जो ग़रीब लाचार, मजदूर, किसानों के खिलाफ चलाया जाता है जबकि भू माफियाओं और अपराधियों पर उनकी रहमत बनी रहती है शिकायतों पर लीपापोती के लिए इनका सबसे बड़ा स्लोगन है कि 'सक्षम न्यायालय मे वाद प्रस्तुत कर अनुतोष प्राप्त करें' जिसका सीधा मतलब है कि सब काम धंधा छोड़ो आपकी गलती हो या ना हो सिर्फ़ मुकदमा दायर कर दो जब तक जीवित रहो लड़ो, सरकार को कहने दो कि हम मामलों का निस्तारण आसानी से करा देंगे वो तो पागल हैं हम कुर्सी पर चिपके रहेंगे वो चुनावो मे कभी भी बदल जायेगें, पीड़िता ने बताया कि तहसील कर्मियों से लेकर थाने तक दबंगो के खिलाफ़ शिकायतों को वापस लेने के लिए उन पर दबाव बनाया गया लेकिन दबंगो पर कोई कार्यवाही नही हुई |

